بسم اللہ الرحمن الرحیم स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी ✍️ मुहम्मद शहाबुद्दीन अलीमी दुनिया में वही कौम और पीढ़ियाँ सम्मान और इज्ज़त से ज़िन्दा रहती हैं, जो अपने इतिहास और अपनी तारीख़ को अपने लिए गौरव का स्रोत मानती हैं। जिस कौम ने अपने इतिहास को याद रखा वही कौम आज सर बुलन्द है। कहा जाता है कि यदि किसी क़ौम को इस संसार से मिटाना हो तो तलवार की कोई आवश्यकता नहीं है; बल्कि उसके इतिहास को मिटा दो, एक शताब्दी भी नहीं बीतेगी कि उस कौम का सर्वनाश हो जायेगा। क्यों कि? अपनी तारीख को जो कौम भूला देती है सफ्ह-ए दह्'र से वह खुद को मिटा देती है अंग्रेज व्यापार के लिए भारत आये और बाद में अपनी धाक जमा ली और भारतीय राजाओं को आपस में लड़ाकर खुद को बहुत शक्तिशाली बना लिया और बहुत सारी पूंजी जमा कर ली। जब अंग्रेजों की ताक़त बढ़ गई तो उन्होंने भारतीयों पर अत्याचार करना शुरू कर दिया। उनकी हिंसा से सभी ...